अंजाम-ए-इश्क़ का इल्म ना था,नादां गुस्ताख़ी कर बैठा,करके खून अपने एहसासों का,ज़ाया ज़िन्दगानी कर बैठा ||उसे तो ख़बर भी न हुई,मेरे जज्बातों की,अनजाने में ही सही, दोस्तों,अपनी मौत का सामान ले बैठा
You may also like
उसकी याद में
मैं कुछ इस तरह से खोया…🙈
आँसू नहीं आ
रहे थे तो
प्याज़ काटकर रोया ।
😅😅😂😂😜😜😜
✍ ✔
आपकी दोस्ती ने हमें जीना सिखा दिया,
रोते हुए दिल को हँसना सिखा दिया,
कर्ज़दार रहेंगे हम उस खुदा के,
जिसने आप जैसे दोस्तों से मिला दिया।🍁
💞💞✍
*,जिनके ऊपर जिम्मेदारियों का* *बोझ होता है ना*
*साहब…*
*ना तो उन्हें रूठने का हक़ होता है*
*और ना ही टूटने का हक़ होता है..…..!!!*
💕💕💕
*कभी वक्त निकाल के, हमसे बातें करके देखना…*
*हम भी बहुत जल्दी, बातों मे आ जाते है*
*╚»★«╝
दर्द सबसे ज्यादा हमें तब होता है ऐ जिंदगी,
जब हम अपना दर्द किसी को बता नहीं पाते !!